अन्तः फसल :-
मक्का के साथ कम समय मे पकने वाली दलहनी फसले (मंूग, उडद, लोबिआ, अरहर), तिलहनी फसल ( सोयाबीन, मूंगफली ) एवं सब्जियो की खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है। अन्ताशस्य के लिए मक्का की कतार एवं पौधे से दूरी अनंुशंसा अनुसार ही रखी जाती है। एवं मक्का की दो या चार कतारो के बाद कुछ कतारे इन फसलो की लगा दी जाती है। जिससे बोनस के रूप मे अन्तरवर्ती फसल मिल जाती है एवं कीट व्याधि का प्रकोप भी कम होता है। अन्तःफसली खेती मे खरपतवारो का नियन्त्रण निराई गुडाई से करना चाहिए। शाकनाशी रसायनो के इस्तेमाल से अन्तःफसल पर बुरा प्रभाव पडता है ।