Tuesday, September 11, 2018

भिण्डी- किस्मे


उत्तम किस्में

पूसा ए -4:
यह भिंडी की एक उन्नत किस्म है। यह प्रजाति 1995 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,नई दिल्ली द्वारा निकाली गई हैं। यह एफिड तथा जैसिड के प्रति सहनशील हैं। यह पीतरोग यैलो वेन मोजैक विषाणु रोधी है। फल मध्यम आकार के गहरे, कम लस वाले, 12-15 सेमी लंबे तथा आकर्षक होते है।बोने के लगभग 15 दिन बाद से फल आना शुरू हो जाते है तथा पहली तुडाई 45 दिन बाद शुरू  हो जाती हैं। इसकी औसत पैदावार ग्रीष्म में 10 टन व खरीफ में 15 टन प्रति है० है।

परभनी क्रांति:
यह किस्म पीत-रोगरोधी है। यह प्रजाति 1985 में मराठवाडा कृषि विश्वविद्यालय, परभनी
द्वारा निकाली गई हैं। फल बुआई के लगभग 50 दिन बाद आना शुरू हो जाते है।
फल गहरे हरे एवं 15-18 सें०मी० लम्बे होते है। इसकी पैदावार 9-12 टन प्रति है० है।

पंजाब -7: 
यह किस्म भी पीतरोग रोधी है। यह प्रजाति पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा निकाली गई हैं। फल हरे एवं मध्यम आकार के होते है। बुआई के लगभग 55 दिन बाद फल आने शुरू हो जाते है। इसकी पैदावार 8-12 टन प्रति है० है।

अर्का अभय:
यह प्रजाति भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगल®र द्वारा निकाली गई हैं। यह प्रजाति येलोवेन मोजेक विषाणु रोग रोधी है। इसके पौधे ऊँचे 120-150 सेमी सीधे तथा अच्छी शाखा युक्त होते हैं।

अर्का अनामिका:
यह प्रजाति भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगल®र द्वारा निकाली गई हैं। यह प्रजाति येलोवेन मोजेक विषाणु रोग रोधी है। इसके पौधे ऊँचे 120-150 सेमी सीधे व अच्छी शाखा युक्त ह®ते हैं। फल रोगरहित मुलायम गहरे हरे तथा 5-6 धारिय वाले होते हैं। फलो का डंठल लम्बा होने के कारण तोड़ने में सुविधा होती हैं। यह प्रजाति दोनो ऋतुओ में उगाई जा सकती हैं। पैदावार 12-15 टन प्रति है० हो जाती हैं।

वर्षा उपहार:
यह प्रजाति येलोवेन मोजेक विषाणु रोग रोधी है। पौधेमध्यम ऊँचाई 90-120 सेमी तथा इंटरन®ड पासपास ह®ते हैं। पौधेमें 2-3 शाखाएं प्रत्येक नोड से निकलती हैं। पत्तियो  का रंग गहरा हरा, निचली पत्तियां चौडी व छोटे छोटे लोब्स वाली एवं ऊपरी पत्तियां बडे लब्स वाली होती हैं। वर्षा ऋतु में 40 दिन में फूल निकलना शुरू हो जाते हैं व फल दिनो बाद तोडे जा सकते हैं। फल चोथी पांचवी गाठो  से पैदा होते हैं। औसत पैदावार 9-10 टन
प्रति है० होती हैं। इसकी खेती ग्रीष्म ऋतु में भी कर सकते हैं।

हिसार उन्नत:
पौधेमध्यम ऊँचाई 90-120 सेमी तथा इंटरनोड पासपास होते हैं। पौधेमें 3-4 शाखाएं प्रत्येक नोड से निकलती हैं। पत्तियो  का रंग हरा होता हैं। पहली तुड़ाई 46-47 दिनो बाद शुरू हो जाती हैं। औसत पैदावार 12-13 टन प्रति है० होतीहैं। फल 15-16 सें०मी० लम्बे हरे तथा आकर्षक होते है। यह प्रजाति वर्षा तथा गर्मियो  दोनो समय में उगाई जाती हैं।

वी.आर.ओ. -6:
इस किस्म को काशी प्रगति के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रजाति भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी द्वारा 2003 में निकाली गई हैं। यह प्रजाति येलोवेन मोजेक विषाणु रोग रोधी है। पौधेकी औसतन ऊँचाई वर्षा ऋतु में 175 सेमी तथा गर्मी में 130
सेमी होती है। औसतन 38 वें दिन फूल निकलना शुरू हो जाते हैं । गर्मी में इसकी औसत पैदावार 13.5 टन एवं बरसात में 18.0 टन प्रति है० तक ली जा सकती है।


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