किसी भी फसल की अधिक उपज के लिए बुवाई से पहले मिट्टी की जाच करवाना अति आवश्यक है। यहा की मृदाओ मे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश के अतिरिक्त कुछ सूक्ष्म तत्व जैसे जस्ता आदि की सामान्यतय कमी देखी गई है। बुवाई से 10-15 दिन पहले खेत मे अच्छी तरह से सडी हुई 10-12 टन गोबर की खाद मिला देनी चाहिए। कार्बनिक खाद एवं रासायनिक खाद के संयुक्त प्रयोग से फसल की उत्पादकता मे बढोतरी होती है।
मक्का की फसल के लिए 120 से 150 किग्रा नत्रजन, 60 से 70 किग्रा फाॅस्फोरस, 60-70 किग्रा पोटास एवं 25 किग्रा जिंक सल्फेट प्रति हैक्टयर की आवश्यकता होती है। देर से पकने वाली किस्मो की तुलना मे जल्दी पकने वाली किस्मो मे कम उर्वरक की आवश्यकता होती है। उर्वरको को बीज से 4-5 से.मी. गहरा तथा 4-5 सेमी दूर डालना चाहिए।
फासफोरस , पोटाश एवं जिंक की पूरी मात्रा तथा 20 प्रतिशत नत्रजन को बुवाई के समय देना चाहिए। और शेष नत्रजन को चार हिस्सो मे निम्नलिखित विवरण के अनुसार देना चाहिए।
(1) 25 प्रतिशत नाइट्रोजन फसल मे 4 पत्तियाॅं आने के समय देनी चाहिए। (25 दिन)
(2) 25 प्रतिशत नाइट्रोजन फसल मे 8 पत्तियाॅं आने के समय देनी चाहिए।(50 दिन)
(3) 25 प्रतिशत नाइट्रोजन फसल मे पुष्पन या फूल आने के समय देनी चाहिए।(70 दिन)
(4) 5 प्रतिशत नाइट्रोजन का प्रयोग दाने भराव के समय करना चाहिए। (90 दिन)