कीट नियंत्रणः
सोयाबीन मे मुख्यतः नीला भृंग, गर्डल बीटल, सेमीलूपर व तम्बाकू की इल्ली इत्यादि कीटो का प्रकोप होता है। फसल को कीटो के नुकसान से बचाने के लिए क्विनालफास 25 ई.सी. 1.5 लीटर प्रति हेक्टयर या द्रायजोफास 40 ई.सी. 800 मिली प्रति हेक्टयर या क्लोरोपाइरिफास 25 ईसी 1.5 लीटर प्रति हेक्टयर दवा मे से किसी एक कीटनाषक का छिडकाव करें।
रोग नियन्त्रणः
सोयाबीन मे मुख्यतः पीलिया, जीवाणु धब्बा व विषाणु रोग पाये जाते है। यदि फसल मे पीलिया रोग (पीलापन) दिखाई दे तो 0.1 प्रतिषत गंधक के तेजाब या 0.5 प्रतिषत फेरस सल्फेट के घोल को छिडकाव करे। जीवाणु धब्बा रोग की रोकथाम के लिए 200 पी.पी.एम. स्द्रेप्टोसाइक्लिन (0.02 प्रतिषत)तथा 0.2 प्रतिषत ब्लाईटोक्स या फाइटेलोन का धोल बनाकर छिडकाव करें। विषाणु रोग होने पर डाइमेथिएट या मेटासिस्टोक्स 500-600 मिली प्रति हेक्टयर छिडके।